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बिजनेस की भाषा में कहा जाता है कि ग्राहक एक बार सस्ते के चक्कर में दुकान पर आ जरूर सकता है

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बिजनेस की भाषा में कहा जाता है कि ग्राहक एक बार सस्ते के चक्कर में दुकान पर आ जरूर सकता है. लेकिन उसकी वापसी आपकेल की

क्वालिटी पर निर्भर करती हैेॉम की दुनिया में कुछ ऐसा ही चल रहा है। जुलाई में टैरिफ बनने के बाद जब ग्राहकों पर बोझ बढ़ा तो वो जिओ एयरटेल की डाल छोड़कर बीएसएनएल की डाल पर सवार हो गए. लेकिन सु सेवाएं और घटिया नेटवर्क के कारण ग्राहकों का मुंह भांग हो गया है और वो एक बार फिर जिओ और एयरटेल के पास वापस आ रहे हैं! आए जानते हैं की यह नया ट्रेंट क्या है और ग्राहक क्यों बीएसएनएल को छोड़ पुराने ऑपरेटर्स पर वापस लौट रहे हैं!

यहां पहले पूरे घ घटनाक्रम को समझ लेते हैं. भारत के टेकॉम बाजार में गिनी चुनी चार कंपनियां बची हैं. तीन प्राइवेट और एक सरकारी BSNL! जब आम चुनाव हुए बाद जुलाई में

प्राइवेट कंपियों ने अचान दाम बढ़ा दिए. यहां वृद्धि भी छोटी-मोटी नहीं थी. प्रीप सेवाओं के सीधे पच्चीस प्रतिशत तक बढ़ाए गए झ ग्राहकों के लिए तगड़ा था तो जैसा कि आमग्रह करता है वैसा ही हुआ. के बने बनाए ग्राहक लगे पास रिक्वेस्ट बढ़ गई. इसमें अधिकांश ग्राहक थे जिनके पास एक से ज्यादा द! उन्होंने बीएसएनएल का दमन थाम लिया लेकिन जब वो बीएसएनएल के पास गए तब उन्हें बीएसएनएल की सेवाओं का असली एहसास हुआ. सरकारी कंपनी अभी भी सभी जगह शुरू नहीं कर पाई है. कुछ ग्राहकों के मुताबिक शहरों में उसकी तीन g सर्विस अटक अटक कर चलती है. यानी टेंशनटेंशन!

 

जैसे ही की तीन महीने की अ हुई एक बार प्रंसाकों कम. आईएफल सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के अनुसार!
भारत के ग्रामीण इलाकों में खास तौर पर ये ट्रेन देखने को मिला है जहां ग्राहक बीएसएनएल से एयरटेल और जिओ में पोर्टआउट के लिए अप्लाई कर रहे हैं. हालांकि, बीएसएनएल से दूर हज़ार ग्राहकों का फायदा!
जओ और एयरटेल को मिल रहा वोफ का नेटवर्क भी बीएसएनएल की तरह कमजोर है और इसके पास भी जिओ एयरटेल की तरह पाँच g का सपोर्ट नहीं है! आईफल सिक्योरिटी इस की रिपोर्ट में बताया गया है की बीएसएनएल के पास आने वाले ग्राहकों की वे र गिरफ्तारर नहीं है जैसी की जुलाई और अगस्त में दिखाई दे रही थी। (TRAI)ट्राई के आंंकड़ों के अनुसार!

जुलाई में tेरिf दरों में ग्यारह से पच्चीस प्रतिशत की बढ़ोतरी के बाद तीनों प्राइवेट कंपनियों को ग्राहकों का नुकसान हुआ था। तब ज को लाख ग्राहकों का नुकसान हुआ था वही एयरटेल से सत्रह लाख और वोडाफोन आइडिया से चौदह लाख राटक गए. द. इस दौरान! (BSNL) बीएसएनएल ने कीमत में कोई बढ़ोतरी नहीं की जिसकी वजह से बीएसएनएल ने करीब तीस लाख ग्रहक जोड़े थे! लेकिन अब स्थिति पलट गई है. ट्राई के नए डाटा से पता चलता है कि बीएसएनएl की ग्राहक बढ़ोतरी जुलाई में तीस लाख से घटकर सितंबर में आठ लाख रह गई है. वैसे, बीएसएनएल को ग्राहक ना मिल पाने का एक कारण कमीशन है।

Ifl के अनुसार bsएnl रिटेलर्स को सबसे कम कमीशन देती है, जबकि जिओ ने हाल ही में टॉप अप पर तीन से चार प्रतिशत का कमीशन देना शुरू किया है जो एयरटेल और वोडाफोन आइडिया द्वारा दिए जाने वाले ढाई से तीन प्रतिशत कमीशन से भी ज्यादा है! लिए तो एयरटेल जिओ के मुकाबला बीएसएनएल केफ की तुलना कर लेते हैं! उदाहरण के लिए, बीएसएनएल के एक सौ निन्यानवे के प्लान में ग्राहकों को अट्ठाईस दिनों के लिए प्रतिदिन दौ gb डाटा मिलता है! जबकिjo का अट्ठाईस दिनों का यह पैक तीन सौ उड़ंचास का है. इसी प्रकार! बीएसएनएल का प्लान तैतालीस सस्ता है! वहीं एयरटेल का तीस दिनों का प्लान तीन सौ उनासी का है. ऐसे में एयरटेल का यह प्लान सैंतालीस फ़ीस फीसदी महंगा पड़ता है!

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